आज दिनांक 17 फरवरी 2021 को माननीय रेल मंत्री से AISMA पदाधिकारियों की मुलाकात तय हुई थी। रेल मंत्रालय से 3 प्रतिनिधियो को 16.00 बजे उद्योग मंत्रालय में मुलाकात का समय दिया गया।
अतः CP श्री धनंजय चंद्रात्रे के साथ श्री आर डी स्वामी एवम अपूर्व जानी उन्हें मिलने उद्योग मंत्रालय पहुंचे। जहा पहले हमें श्री पाटिल PS to MR मिले, जिन्होंने हमारी सारी समस्याओ के बारे में विस्तृत जानकारी ली। बाद में हम लोग रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल से मिलने उनके चैम्बर में पहुचे। जहा श्री धनंजय सर ने सब से पहले उन्हें हमारी 17अप्रैल को गया में आयोजित होने वाली CBGM के लिए आमंत्रित किया। जिनका उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।
बाद में हमारा मेमोरेंडम देते हुए उनसे इन्सुरेंस, सेफ्टी/स्ट्रेस अलाउंस, गजटेड पोस्ट, रेकॉग्निशन, NDA, ट्रेनिंग पीरियड का स्टाइपेंड, MACP L-9 1 जनवरी 2016 से लागू करना इत्यादि समस्याओ पर चर्चा की। जो उन्होंने अत्यंत सकारात्मकता के साथ सुनी। कुछ क्वेरी भी की, जिसको धनंजय सर ने बखूबी समझाया। हाल में देश की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि, जितना हो पायेगा वो इस समस्याओ को रेल मंत्रालय के अधिकारियो से चर्चा कर के निपटाने की कोशिश करेंगे।
साथ ही उन्होंने हमे DG/HR व CRB से अभी मीटिंग करके मेमोरेंडम पर चर्चा कर लेने हेतु बोला, और DG/HR को हमारे सामने ही कॉल करके बोला कि AISMA संघठन ऐक अच्छा संघटन है इन्हें में आपके पास भेज रहा हु, इनकी समस्याओ का सकारात्मक हल निकालिये।
बहुत ही अच्छे माहौल में उनसे मुलाकात सम्पन्न करके हम लोग उनके PS श्री पाटिल सर के साथ रेल मंत्रालय आये।
जहा हमारी प्रथम मुलाकात DG/HR श्री आनंद खाती सर से हुई।
उन्होंने भी सभी मुद्दों पर सकारात्मक प्रतिभाव दिए। जैसे कि,
1. NDA:- आपके संगठन की भावनाओं से हम परिचित है, और रेल मंत्रालय चाहता है कि NDA मिलना चाहिए। DOPT से पत्राचार चालू है, एवम बहुत जल्द इस मामले का हल निकल जायेगा।
2. स्टाइपेंड:- अगर रेल मंत्रालय के किसी पत्र के कारण मामला अटका हुआ है तो बहुत जल्द उसे सुधार लिया जाएगा। 4200 के हिसाब से ही स्टाइपेंड भी मिलना ही चाहिए।
3. ग्रुप इन्सुरेंस:- आपका सुझाव बहुत अच्छा है। सभी रेल कर्मचारियो के लिए ग्रुप इन्सुरेंस देने के बारे में विचार किया जा सकता है। इस बारे में जल्द ही बोर्ड में चर्चा की जाएगी।
4. रेकॉग्निशन:- नए श्रम कानूनों के अंतर्गत क्या प्रावधान हो सकता है ये देख कर इस बारे में आगे निर्णय लिया जा सकता है।
5. सेफ्टी/स्ट्रेस अलाउंस:- पुराने पत्राचार व मेमोरेंडम पर लगे रिमार्क्स देख कर इस बारे में चर्चा करेंगे।
6. MACP L-9:- वैसे तो 1.1.2016 से ही मिलना चाहिए, पूरा मामला स्टडी करके चर्चा करेंगे।
7. गजटेड पोस्ट देना:- ये मामला जीरो बजट वाला है। इसे सॉल्व होने में ज्यादा वक़्त नही लगना चाहिए। फाइनेंस मंत्रालय से चर्चा करके इसे जल्द निपटाने की कोशिश करेंगे।
इस तरह उनसे भी अत्यंत सद्भावना पूर्ण माहौल में मुलाकात सम्पन्न हुई।
आखिर में CRB सर किसी मीटिंग में व्यस्त होने के कारण सिर्फ CBGM का निमंत्रण देकर मुलाकात सम्पन्न हुई।