रेलवे आवास का आवंटन में विभिन्न नियम-उपनियम एव दिशा-निर्देश रेलवे बोर्ड द्वारा जारी किये गये है जिसे मास्टर सर्कूलर नं. 49 में सार संग्रहित किया गया है। कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार है -
• रेलवे आवास के आवंटन हेतु सामान्य रूपसे एक हाऊसिंग कमेटी होती है जो आवंटन के बारे में निर्णय करती है। इसमे एक अधिकारी और दोनों मान्यता प्राप्त यूनियन से एक-एक सदस्य तथा एक अनुसूचित जाति-जन जाति संघ का सदस्य भी होता है।
• कर्मचारियो की पात्रता श्रेणी के अनु सार रेलवे आवास हेतु अनिवार्य कोटि एवं गैर अनिवार्य कोटि के नाम से अलग-अलग पूल बनाये गये है। जिसके लिए प्रत्येक इकाई में नाम पंजिकरण हेतु प्राथमिकता रजिस्टर तैयार किये गये है जो रेलवे आवास आवंटन समिति के समक्ष आवास को संबंधित कर्मचारियों को क्रमानुसार आवंटित करते है।
• क्वार्टर आवंटन में कतिपय परिस्थितियों में बिना बारि की आवंटन, डाक्टरी आधार पर आवंटन, विकलांग कर्मचारियो के लिए आवंटन, मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को आवंटन, अनुकंपाके आधार पर नियुक्ति के मामलो में आवंटन, इत्यादि के लिए दिशा-निर्देश की अनुपालना आवंटन समिति द्वारा की जाती है।
• रेलवे आवास का उपयोग कर्मचारी अथवा उसके परिवार के सदस्य द्वारा रिहायश के अलावा किसी अन्य वाणिज्यिक कार्य जैसे बीमा एजेसी, कमीशन एजेंसी, व्यापार इत्यादि के लिए करना या बाहरी व्यक्तियों को सबलेट पर देना दुरूपयोग की श्रेणी में आता है। जिसके लिए अनुशासनिक कार्यवाही करने का प्रावधान है।
• रेलवे आवास को अन्य रेल कर्मचारियों के साथ सहभागिता की अनुमति प्रदान करने के प्रावधान भी बनाये गये है। जिसके अनुसार ही कर्मचारियों को अनुमति प्राप्त कर सहभागिता देनी चाहिए। अन्यथा सबलेट के मामलें पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है।
• स्थानान्तरण/प्रतिनियुक्ति, सेवा निवृति, प्रशिक्षण अथवा उसी उपनगरीय क्षेत्र में स्थानान्तरणके मामलों मे रेलवे आवास को नियत अवधि तक रोक कर रखने की अनुमति प्राप्त करने का प्रावधान है।
• संकाय सदस्य के रूपमें प्रशिक्षण संस्थानों मे पदस्थ किये जाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने पूर्ववर्ती स्टेशन पर रेलवे आवास पर सामान्य किराये के भुगतान पर दो वर्षो की अवधि तक रोकने की अनुमति प्रदान करने के प्रावधान है।
• रनिंग कर्मचारियों को क्वार्टर आवंटन के मामलें में सामान्य कर्मचारियों से अधिक वेटेज देते हुए उच्च पात्रता प्रदान की जाती है।
• प्रत्येक तीन वर्ष में रेलवे आवास के लिए लाइसेंस फीस (किराया) का संशोधन करने का प्रावधान है। जिसकी कटौती कर्मचारी के वेतन से की जाती है।
• ग्रुप ए, बी, सी वर्ग के कर्मचारियों से रेलवे आवास में पानी के उपभोग का प्रभार भी नियमानुसार लिया जाता है लेकिन ग्रुप डी कर्मचारियों से यह प्रभार लेने का प्रावधान है।
• रेलवे आवास को खाली न करने, अनाधिकृत रूपसे कब्जा करने के मामलों मे पैनल रेट से वसूली करने का प्रावधान है। जो प्लिंथ या कुर्सी क्षेत्र के आधार पर गणना कर वसूल किया जाता है। इसकी दरें प्रति वर्ग मीटर प्रतिमाह के हिसाब से विभिन्न शहरों के वर्गीकरण के अनुसार प्रति दो वर्षो के लिए निर्धारित की जाती है।