दोस्तों नमस्कार
आज आपसे चर्चा करते हैं कर्मचारीयों के सबसे बड़ी समस्या न्यू पेन्सन स्कीम और उसके लिए चल रही आंदोलन के सबंध में...
एनपीएस के खत्म करने के लिए हम लोग बहुत दिनों से लड़ाई लड़ रहे हैं परंतु अभी तक कोई सफलता नहीं मिली,
- क्या सरकार इसे लागू नहीं करना चाहती है ?
- या फिर सरकार के सामने कोई बहुत बड़ी मजबूरी है?
- या फिर हम लोग का आंदोलन का दिशा ही गलत है ?
- दोस्तों सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट को मिलाकर लागभग 51 लाख इम्प्लोयी NPS के अंदर आते है।
- एक अनुमान से सरकार लगभग 2.5 लाख करोड़ से भी ज्यादा एनपीएस के फंड मे डाल चुकी है , जो की देश के विकाश और भिन्न तरह के व्यापार मे लगा है।
- NPS के लिए जो पैसा हमारे वेतन से कटता है और जो पैसा सरकार के तरफ से मिलाया जाता है उस पैसे का मनेजमेंट म्युचुअल फंड की तरह ही होता है,
तब यह सोचना है की हमे इस लड़ाई के लिए क्या करना है की ताकि सरकार को भी नुकसान न हो और कर्मचारी को भी नुकसान न हो ,
मेरे सुझाव है की
- हमें एनपीएस को खत्म करने का लड़ाई नहीं करके उसमे बदलाव की लड़ाई लड़नी चाहिए।
- अगर सरकार पुरानी पेंशन नहीं चालू कर सकती है तो नई पेन्सन स्कीम मे पुराने प्रावधान रहते हुए, वेतन के अनुसार निरधारित मिनिमम पेंशन की गारंटी होनी चाहिए जो की प्रति वर्ष महंगाई इंडेक्स के अनुसार बढ़ना चाहिए ताकि महंगई बढ्ने पर कर्मचारी को जीवन यापन मे परेशानी न हो ।
- वीआरएस और कर्मचारी के अक्षमता की स्थिति मे सर्विश के अनुसार आनुपातिक पेंशन की प्रावधान होनी चाहिए दोस्तो मेरा यह विचार पूर्णत वक्तीगत है , अगर अच्छा लगे तो अवश्य विचार करिएगा ।
धन्यवाद
जी डी पाण्डेय
जी डी पाण्डेय