ये महंगाई भत्ता क्या होता है, जो सरकार बढ़ाती जा रही है?
सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है. महंगाई भत्ता यानी DA – Dearness Allowance. कितने की बढ़ोतरी?
5 परसेंट की. पहले था 12 परसेंट. अब है 17 परसेंट.
सरकारी कर्मचारियों को राहत. और लोग कह रहे हैं कि चुनाव और दीवाली के मौसम में सरकार लुभाने की कोशिश कर रही है.
सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है. महंगाई भत्ता यानी DA – Dearness Allowance. कितने की बढ़ोतरी?
5 परसेंट की. पहले था 12 परसेंट. अब है 17 परसेंट.
सरकारी कर्मचारियों को राहत. और लोग कह रहे हैं कि चुनाव और दीवाली के मौसम में सरकार लुभाने की कोशिश कर रही है.
सरकार के इस कदम का लाभ केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों और लगभग 65 लाख पेंशनधारियों को होगा.
परन्तु jane
परन्तु jane
क्या होता है महंगाई भत्ता ?
महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है, जो देश के सरकारी कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. जो कि मूल्य सूचनांक के द्वारा एक निरधारित फार्मूला द्वारा निकाला जाता है। पूरी दुनिया में सिर्फ भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश ही ऐसे देश हैं, जिनके सरकारी कर्मचारियों को ये भत्ता दिया जाता है. ये पैसा इसलिए दिया जाता है, ताकि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर में पैसे की वजह से दिक्कत न हो. ये पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है.
शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हुई थी. सिपाहियों को खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए उनकी तनख्वाह से अतिरिक्त पैसा दिया जाता था. इस पैसे को उस वक्त खाद्य महंगाई भत्ता या डियर फूड अलावेंस कहा जाता था. जैसे-जैसे वेतन बढ़ता जाता था, इस भत्ते में भी इजाफा होता था. भारत में मुंबई के कपड़ा उद्योग में 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी. इसके बाद केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने लगी थी, ताकि बढ़ती हुई महंगाई का असर सरकारी कर्मचारी पर न पड़े. इसके लिए 1972 में ही कानून बनाया गया, जिससे कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट 1951 के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगे.
Source - The Lallan Top