अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले काफी समय से आंदोलित देश भर केरेलवे स्टेशन मास्टर अब आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गये हैं. रेल मंत्रालय का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कराने के लिए आल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के तत्तावधान में आगामी 11 अगस्त को भारतीय रेलवे के लगभग 35 हजार स्टेशन मास्टर भूखे रहकर नौकरी करेंगे. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर में भी इस आंदोलन की तैयारी तेज हो गई है. स्टेेशन मास्टर के इसआंदोलन को पश्चिम मध्य रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने अपना समर्थन दिया है.
आंदोलित स्टेशन मास्टर 11 अगस्त को भूख हड़ताल में रहकर ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन कराने की जिम्मेदारी संभालेंगे. स्टेशन मास्टर रेलवे का अहम हिस्सा माने जाते हैं. उन्हें रेलवे का ब्रांड एम्बेसडर कहा जाता है. रेल यातायात में व सभी कामों में वे विभिन्न विभागों के केंद्र बिंदु होते हैं. जंगल व पहाड़ी क्षेत्रों के स्टेशनों में वे भलीभांति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं. इसके बाद भी रेलवे उनकी मांगों को लेकर कभी विचार नहीं करती है. रेल प्रशासन के इसी रवैए से परेशान होकर उन्होंने आंदोलन का रास्ता अपनाया है. आल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के पमरे के जबलपुर मंडल के पदाधिकारी एआर पाल, पीके दुबे, बलवंत बजेठा आदि ने सभी स्टेशन मास्टरों से आव्हान किया है कि वे इस आंदोलन में अपनी पूरी भागीदारी निभाएं और भूखे रहकर ड्यूटी करें, ताकि सरकार को शर्म आए और वे उनकी मांगों को हल करने गंभीर हों. वहीं पमरे एम्पलाइज यूनियन के मंडल सचिव नवीन लिटोरिया व मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने स्टेशन मास्टर की भूख हड़ताल को समर्थन देते हुए मांग की है कि उनकी मांग को यूनियन लगातार एआईआरएफ के माध्यम से रेलवे बोर्ड व रेल मंत्रालय के समक्ष पुरजोर तरीके से उठाती रही है, किंतु मांग पूरी करने में हीलाहवाली बरती जा रही है, जिसे यूनियन बर्दाश्त नहीं करेगी.
स्टेशन मास्टरों की यह है मांग
- एमएसीपी से मिलने वाला तीसरा प्रमोशन (ग्रेड पे 5400) दिया जाए.
- देशभर में कई ऐसे स्टेशन हैं, जहां स्टेशन मास्टरों को हर रोज 12 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है. ऐसे ड्यूटी रोस्टर तत्काल रद्द किया जाए.
- स्टेशन मास्टर ट्रेनों को चलाने का काम करते हैं. इस दौरान संरक्षा व तनाव का सामना भी करना पड़ता है. उन्हेें संरक्षा व तनाव भत्ता दिया जाए.
- स्टेशन मास्टरों की पूरी संख्या में से 15 प्रतिशत पद राजपत्रित स्टेशन मास्टर के रूप में सृजित किए जाएं.
- जिन स्टेशनों पर ट्रेनों की संख्या बहुत है, ऐसे स्टेशनों पर सहयोग के लिए एक सहकर्मी स्टेशन मास्टर की नियुक्ति की जाए.
- स्टेशन मास्टर जिन-जिन विभाग के कर्मचारियों का प्रमुख कहलाता है, स्टेशन मास्टरों का वेतनमान उनसे ज्यादा होना चाहिए.
- जिन स्टेशनों के आसपास मेडिकल या शैक्षणिक सुविधाएं नहीं है, वहां स्टेशन मास्टर के परिवारों के नजदीक शहर में आवास की व्यवस्था की जाए.
- स्टेशन में रेस्ट रूम की व्यवस्था की जाए.
- स्टेशन डायरेक्टर का पद अनुभवी तथा सीनियर स्टेशन मास्टरों को दिया जाए.
- नई पेंशन योजना रद्द कर पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए.
Source - PPI