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Aug 5, 2017

स्टेशन मास्टर के कहानी और अपील, हेमराज मीणा मंडल अल अध्यक्ष के जुबानी

प्रथम  साथियों ऐसा लगता है जैसे की आसमान जमीन पर उतर आया हो साथियों प्रथम  क्लास पास पाने के लिए कितनी तपस्या करनी पड़ती थी 3 स्टेज पार करके प्रथम क्लास पास मिलता था यानी कि 20 साल सर्विस करने के बाद प्रथम क्लास पास मिलता था सेकंड एसी क्या होता है 20 साल तक हमारे स्टेशन मास्टर साथी देख नहीं पाते थे लेकिन आज हमारी किस्मत देखो स्टेशन मास्टर में भर्ती होने के बाद प्रथम यात्रा अपने परिवार के साथ सेकंड एसी में हम यात्रा करेंगे हमें गर्व होना चाहिए कि हमारे संगठन ने  हमारे लिए कितना महान कार्य किया है.

              साथियों जब में रेलवे में भर्ती हुआ स्टेशन मास्टर पोस्ट मुझे मिली जो प्रथम बार मुझे यूनिफॉर्म मिली थी उसको देख कर के मैं स्तंभ रह गया उसको कहना तो शरीर में कहीं भी वह नहीं आ रही थी मैं त्रिचनापल्ली  डिवीजन साउथर्न रेलवे में एक छोटा सा स्टेशन  में मेरी पोस्टिंग हुई थी वहां पर कोई दर्जी नहीं था नजदीक के शहर में दर्जी के पास गया दर्जी ने बोला तमिल भाषा में मैं कुछ समझा नहीं पड़ोसी एक व्यक्ति को बुलाया जो थोड़ी हिंदी जानता था उसने मेरे को समझाया कि भैया यह यूनिफार्म कौन पहनेगा मैंने कहा मैं पहनूंगा आप कौन हो मैं भारतीय रेलवे का एक स्टेशन मास्टर हूं तो पहले तो वह दोनों तमिल में आपस में बातचीत किए और फिर इतने  हंसी की उसके बाद मैंने पूछा भैया जी क्यों हंस रहे हो कि भारतीय रेलवे के स्टेशन मास्टर को इस तरीका की यूनिफार्म मिलती है मैंने दर्जी से कहा भैया जैसी भी है उसको आप सही कर दो उसने मेरे से कहा कि सर दूसरा कपड़ा ले करके बनवा लो इसको सही करना संभव नहीं है साथियों आज भी वह यूनिफार्म मेरे पास रखी हुई है हमारे संगठन में अथक प्रयास किया और हमें यूनिफार्म के लिए एक बेहतरीन कपड़ा मिलने लगा उसके बाद और प्रयास किए तो आज भारत की सबसे सुपर डिजाइनर रितु बेरी के द्वारा डिजाइन की गई यूनिफार्म हमें दिलवाई और उसके लिए हमें ₹10000 नगद जुलाई माह के वेतन से लगना चालू हो जाएगा.

             जब मुझे पहली बार पेमेंट मिला 7500 मैंने सोचा चलो ठीक है बेरोजगारी में कुछ तो मिला मैं 3 महीने के बाद जब मेरे पैतृक गांव गया  तो मेरे पास सिर्फ ₹12000 थे तब मैं गांव आया तब मेरा खर्चा हुआ 20000 रुपए साथियों मैंने ₹8000 मेरे पिताजी से उधार लिए थे तो  पिताजी ने पूछा कि तुम कैसी नौकरी कर रहे हो हमें देने की बजाए हम से पैसे लेकर जा रहे हो और आज साथियों हमारा स्टेशन मास्टर शुरुआत में ही ₹50000 पेमेंट लेता है लगभग 6 गुना 

          मैं जब आता था त्रिचनापल्ली  से स्लीपर क्लास में यात्रा करते थे 3 दिन का समय लगता था शरीर के हर अंग से बदबू आने लगती थी कपड़ों से बदबू आने लगती थी लेकिन आज मेरा भाई जब चेन्नई से आता है तो सेकंड एसी में यात्रा करते हुए आता है और गर्व के साथ सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर जब उतरता है तो ऐसा लगता है कि अभी ट्रेन में बैठा हो .
  
        साथियों समझो अपने संगठन को मजबूत बनाओ संगठित करो यही एक ऐसा संगठन है जो स्टेशन मास्टरों के हितों की  रक्षा कर सकता है और एक सुर में आवाज दो हम एक है एक है एक है साथियों आज हमारे उर्जावान महामंत्री जो दिन रात हमारे लिए संघर्ष कर रहे हैं उनका एडमिशन है हमारा परिवार ऐसी जगह पर रहे जहां पर रोटी कपड़ा मकान के साथ साथ अच्छी शिक्षा और मेडिकल की सुविधा भी उपलब्ध हो इसके लिए हमारे महामंत्री जी ने हमारे परिवार के लिए सेंट्रलाइज हेड क्वार्टर नजदीक के बड़े स्टेशनों पर किए जाए साथ ही कंट्रोल की भांति हमें भी प्रतिमाह रिस्क अलाउंस दिया जाए हमारे महामंत्री उसके लिए प्रयासरत है उनको सहयोग करें उन्हें आगे बढ़ाएं

 धंयवाद साथियों
 हेमराज मीणा
 मंडल अल अध्यक्ष
कोटा डिवीजन

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