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Aug 13, 2018

7वां वेतन आयोग: देशभर के स्टेशन मास्टर गए 24 घंटे ...



7 वें वेतन आयोग अनियमितता का आरोप लगाते हुए भारतीय रेलवे के हजारों स्टेशन मास्टर शनिवार को हड़ताल पर चले गए हैं. ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन ने 24 घंटे की हड़ताल बुलाई है. स्टेशन मास्टर का आरोप है कि सातवें वेतन आयोग में किए गए भेदभाव के कारण उनके प्रमोशन की संभावना खत्म हो गई है. एसोसिएशन के अनुसार स्टेशन मास्टर को पूरे करियर में सिर्फ एक प्रमोशन मिलेगा. इससे स्टेशन मास्टर की प्रगति रुक जाएगी.

रुदौली स्टेशन वासियों का कहना है कि नए वेतन आयोग में सिर्फ दो पे स्केल ₹4200 और ₹4600 है. इसका मतलब है कि उन्हें पूरे करियर में सिर्फ एक प्रमोशन मिलेगा. जबकि करियर के दौरान तीन पदोन्नति अनिवार्य है. इंडिया टुडे की खबर के अनुसार ₹4800 का पे स्केल सिर्फ फाइनेंसियल अपग्रेडेशन है. एसोसिएशन ने तीसरे मॉडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन स्कीम के लाभ मांगे हैं. इसमें स्टेशन मास्टर के इस स्ट्रेस और सेफ्टी अलाउंस का प्रावधान है. एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन से मिलकर उन्हें मांग पत्र भी सो चुका है.





इस बीच भारतीय रेलवे ने हड़ताल के कारण किसी अनहोनी की आशंका को बचाने के लिए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स को जिम्मेदारी सौंपी है. आरपीएफ को हिदायत दी गई है कि कि वह स्टेशन मास्टर की हड़ताल से होने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए स्थानीय अधिकारियों और प्रशासन की मदद ले सकते हैं. RPF को यह भी कहा गया है कि रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा और ट्रेनों की आवाजाही में कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए.
आल इंडिया रेलवे मास्टर एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि रेल मंत्रालय स्टेशन मास्टर और स्टेशन अधीक्षक को फ्रंट लाइन का स्टाफ बताता है. इन्हें रेलवे का ब्रांड एंबेसडर कहा जाता है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर यह वर्ग फिसड्डी है. न्यूनतम 3 वेतन वृद्धि मिलनी ही चाहिए. एसोसिएशन की मांग है कि स्टेशन मास्टर और स्टेशन अधीक्षक को ग्रेड पे ₹5400 तक पदोन्नति दी जाए. साथ ही सेंट्रल एकमोडेशन की सुविधा भी मिलनी चाहिए, जिससे ट्रेनों का मूवमेंट तनाव रहित होकर किया जा सके.
देश में बहुत बड़ी संख्या में ऐसे स्टेशन है जहां स्टेशन मास्टरों को शौच क्रिया के लिए कोई सुविधा नहीं मिलती. इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहा है और ट्रेनों की सुरक्षा और संरक्षा पर भी इसका असर पड़ सकता है. महासचिव ने कहा कि वह ट्रेन सेवा नहीं रोकेंगे. गांधीगीरी करते हुए स्टेशन मास्टर पूर्ववत अपनी ड्यूटी के आधार पर काम करेंगे, लेकिन 24 घंटे हंगर स्ट्राइक पर रहेंगे.

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