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Aug 10, 2018

उद्वेलित क्यों नहीं होता स्टेशन मास्टर।




उद्वेलित क्यों नहीं होता स्टेशन मास्टर


जब-जब कुठाराघात होता है उसके हितों पर।


1- एपीओ की विभागीय परीक्षा हेतु सक्षम नहीं माना गया।

2- A C M की विभागीय परीक्षा हेतु सक्षम नहीं माना गया है।

3- स्टेशन डायरेक्टर के पद पर अन्य विभागीय अधिकारी बिठाए गए।

4- GP 5400 हेतु एमएसीपी में अपात्र माना गया।

5-   बड़े कार्य हेतु रेलवे बोर्ड में मेंबर बढ़ाए जा सकते हैं, परंतु स्टेशन मास्टर कैडर में नहीं क्यों?

6- एलडीसी ग्रुप-बी ओपन टू ऑल नहीं किया जाता।

7- रनिंग स्टाफ की तरह कैडर रिव्यू द्वारा पदों का सृजन जोनल स्तर पर नहीं किया जाता।

8-   रनिंग अलाउंस या हार्ड ड्यूटी अलाउंस हेतु दुत्कार दिया जाता है।


एक शिक्षित एवं बौद्धिक कैडर होने के बावजूद हम क्यों अपने हितों के लिए  जागरुक नहीं होते?


अतः जागिए ,

दौड़िए,

दौड़ नहीं सकते तो चलिए,

चल नहीं सकते तो ,

रैगिये।

और रैंग भी नहीं सकते हो तो,

उनका सहयोग कीजिए जो कैडर हित में कार्य कर रहे है।

संगठन ने मौका दिया है 

  11 अगस्त 2018 को ताकत दिखाने का ,जागने का।
अतः जागिये, जागरुक करिए एवं भाग लीजिए।
वरना फिर मत कहना कि संगठन ने कुछ नहीं किया।

उद्वेलित होइए ,अपने जमीर को जगाइए और 1 दिन के लिए ही सही निडर बनिए।



         आपका साथी।
बलवंत सिंह बजेठा।

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